सात फेरे वाली कहानी कविता : जी आर कवियूर

शादी
बरबादी
दर आधी
दे आदी
पाव भारी
आबादी
निन्द आधी
कर वानी हे और शादी
कर से भारी
यह हे संगट वाली
न करियो तो जिन्दगी अदुरी

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